गुजरात में भाजपा नर्मदा पाइपलाइन का दावा कर रही लेकिन अहमदाबाद में जनता टैंकरों की लाइन में लगी

कई बार नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की तस्वीर देखकर पाकिस्तान के लोकप्रिय क्रांतिकारी शायर हबीब जालिब की याद आती है जो लिखते हैं कि ”वो कहते हैं सब अच्छा है, मगरिब का राज ही सच्चा है, गरीब भला ये क्यों माने जब भूखा उसका बच्चा है।”
उपर जो तस्वीर दिख रही है वो पीएम मोदी के गुजरात मॉडल का एक छोटा सा नमुना है। ये उसी गुजरात मॉडल का नमूना है जिसका प्रचार नरेद्र मोदी 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में घूम घूम कर रहे थें। तस्वीर में दिख रहा होगा कि कैसे महिलाएं विकसित गुजरात में पानी के लिए लाईन लगाए खड़ी हैं। इस तस्वीर को क्लिक करके अपने फेसबूक पर लगाया है मोहम्मद शरीफ मालेक ने जो अहमदाबाद के रहने वाले हैं।
तस्वीर अहमदाबाद के बाम्बे होटल एरिया का है जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है। जब हमने शरीफ मालेक से इस तस्वीर के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि इस इलाके में पानी समेत कई बुनियादी सुविधाओं की बहुत ज्यादा दिक्कत है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के किसी भी घर में पानी का नल नहीं है, पीने के अलावे रोजमर्रा के जीवन में जो पानी की जरूरत है वो पास में लगा एक ट्यूबवेल पूरा करता है। इस ट्यूबवेल को सोसाईटी के लोगो ने ही लगवाया है लेकिन दिक्कत ये है कि उससे साफ पानी नहीं आता। नर्मदा पाइपलाइन वाले जुमले को तो छोड़ ही दीजिए।
पीने के पानी के लिए नगरपालिका के तरफ से टैंकर भेजा जाता है लेकिन ये टैंकर रोज नहीं आतें। मतलब एक बार आने के बाद कम से कम दो रोज बाद आता है। शरीफ ने बताया की इस इलाके में गंदगी बहुत है, सड़क के किनारे कूड़ा कचरा कई महीनों से पड़ा हुआ है लेकिन कोई सफाई करने नहीं आ रहा। सोसाईटी के बीच में गंदे पानी का जलजमाव हो चुका है जिससे कई तरह की बिमारियों का खतरा है।
2014 के लोकसभा चुनाव में जिस गुजरात मॉडल का गुब्बार मोदी जी ने फूलाया अब उसकी हवा निकलती जा रही है। गुजरात के विधानसभा चुनाव में मात्र एक महीना बाकी है और राज्य के विकास की हकीकत सामने आ रही है। कुपोषण पीड़ित बच्चें, लाखों घरों में बिजली न होना और यहाँ तक की राज्य के मुख्य शहरों में पानी की किल्लत।
गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद का तक का ये हाल है कि लोग वहां टैंकरों से पानी भरने के लिए मजबूर हैं। जबकि भाजपा सालों से राज्य में नर्मदा पाइपलाइन के ज़रिये पानी देने का दावा कर रही हैं लेकिन राज्य के मुख्य शहरों के हालत ही बत्तर नज़र आ रहे हैं।
Courtesy: boltahindustan.