गुजरात, बिहार, एमपी में गायब हो गए 2000 के नोट, शिवराज ने बताया साजिश, तेजस्वी ने कहा नोटबंदी का कुप्रभाव

बिहार, गुजरात और मध्यप्रदेश में लोगों को नकदी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इन तीनों राज्यों में एटीएम खाली हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे एक साजिश करार दिया है।
गुजरात, बिहार और मध्यप्रदेश में नकदी का संकट पैदा हो गया है। खबरों में एक बैंक अफसर के हवाले से कहा गयाहै कि रिजर्व बैंक की तरफ से नकदी का प्रवाह घटने की वजह से यह हालात पैदा हुए हैं। इसे दूर करने की कोशिश की जा रही है। उधर राज्य सरकारें भी आरबीआई के संपर्क में हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके पीछे साजिश होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बाजार से 2000 रुपए के नोट गायब हो रहे हैं। इस बारे में उन्होंने केंद्र सरकार से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इससे सख्ती से निपटेगी।
मध्य प्रदेश के शाजापुर में किसानों की एक सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “नोटबंदी से पहले 15 लाख करोड़ रुपए की नकदी चलन में थी। नोटबंदी के बाद यह बढ़कर 16 लाख 50 हजार करोड़ रुपए हो गई, लेकिन बाजार से 2000 का नोट गायब हो रहा है।” उन्होंने कहा कि, “लेकिन दो-दो हजार के नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर रख रहा है, कौन नकदी की कमी पैदा कर रहा है। यह षड्यंत्र है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि दिक्कतें पैदा हों। सरकार इससे सख्ती से निपटेगी।”
16.5 lakh crore notes were printed & circulated in markets, but where are Rs.2000 notes going? Who is trying to create a cash crunch? This is a conspiracy to create problems & state govt will take strict action on it, we are in touch with centre also: MP CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/oHoKczLG2F
— ANI (@ANI) April 16, 2018
उधर बिहार में भी नकदी का जबरदस्त संकट है। एक अखबार से बातचीत में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने नकदी की कमी के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बिहार-झारखंड में स्टेट बैंक के 110 करेंसी चेस्ट हैं, जिनकी क्षमता 12 हजार करोड़ रुपए की है, लेकिन यहां नकदी की उपलब्धता सिर्फ ढाई हजार करोड़ रुपए ही है। यानी क्षमता से 80 फीसदी कम नोट हैं।उन्होंने कहा कि मार्च 2018 में करेंसी चेस्टों की बैलेंस शीट के मुताबिक, बैंकों में 2000 रुपए के नोटों की संख्या कुल रकम का औसतन 10 फीसदी ही रह गई है, जबकि कुल नगदी में इनकी 50 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बीच आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी करेंसी की कमी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि, “बिहार में विगत कई दिनों से अधिकांश एटीएम बिल्कुल ख़ाली है। लोगों के सामने गंभीर संकट है। लोगों का बैंकों में जमा अपना पैसा भी बैंक ज़रूरत के हिसाब से उन्हें नहीं दे रहे है। नोटबंदी घोटाले का असर इतना व्यापक है कि बैंको ने हाथ खड़े कर रखे है। नए नोट सर्कुलेशन से क्यों ग़ायब है?”
बिहार में विगत कई दिनों से अधिकांश ATM बिल्कुल ख़ाली है। लोगों के सामने गंभीर संकट है।
लोगों का बैंकों में जमा अपना पैसा भी बैंक ज़रूरत के हिसाब से उन्हें नहीं दे रहे है।
नोटबंदी घोटाले का असर इतना व्यापक है कि बैंको ने हाथ खड़े कर रखे है। नए नोट सर्कुलेशन से क्यों ग़ायब है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 16, 2018
वहीं गुजरात से भी खबरे मिल रही हैं कि वहां भी नकदी की किल्लत हो रही है। करीब 10 दिन पहले यह परेशानी उत्तर गुजरात से शुरू हुई, लेकिन अब पूरे राज्य में इसका असर है। यहां तक कि बैंकों ने नकदी निकालने की सीमा तय कर दी है। ज्यादातर एटीएम में पैसा नहीं है। शादी और किसानों को फसल के भुगतान का वक्त होने की वजह से लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
Courtesy: navjivanindia.