केरल बाढ़ पीड़ितों के लिये मसीहा बने मदरसे, मदरसो में शरण लिये हुए हैं हज़ारों हिन्दू मुस्लिम

नई दिल्ली – केरल में मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा रखी है. सूबे के हालात बेहद बदतर हो गए हैं. इस बार की बारिश और बाढ़ ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सूबे के कई हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. पानी को बाहर निकालने के लिए 80 डैम खोल दिए गए हैं. अब तक 357 लोगों की जान जा चुकी है और दो लाख 23 हजार 139 लोग बेघर हो गए हैं. इन लोगों ने 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में शरण ले रखी है. केरल सीएमओ की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
वहीं केरल के वायनाड, कोझीकोड, कन्नूर, कासरगोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, इदुक्की व एरनाकुलम में भारी बारिश के कारन रेड अलर्ट जारी किया गया है। वही मानसून के इस मौसम को देखते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अभी तक 774 लोगों की मौत हो चुकी है।
This madrasa in Kozhikode district of Kerala is the largest relief camp in the district. Even in this cataclysm, humanity thrives in Kerala.
We are together in this battle for survival. #KeralaFloods pic.twitter.com/QThJ1MsLXa
— Sudeep Sudhakaran (@SudeepSudhakrn) August 15, 2018
गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (NERC) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान जा चुकी है। केरल में हाई अलर्ट के बाद जहां सरकारी एजेंसियां बाढ़ पीड़ितों की मदद करती नज़र आ रही है वहीं कोझिकोड ज़िले के एक मदरसे ने बाढ़ में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए है।
कोझिकोड जिले के मदरसे में बड़ी संख्या में बाढ़ पीडितों ने शरण ली हुई है, जिनका मदरसा प्रशासन की तरफ से खाने पिने और सोने का पूरा इंतेजाम किया गया है। इंसानियत की बेहतरीन मिसाल पेश करने वाले इस मदरसे के इस कदम की सोशल मीडिया पर लोग तारीफ़ कर रहे है। सुदीप सुधाकरण नाम के एक यूज़र ने ट्विटर कर मदरसे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, केरल के कोझिकोड का यह मदरसा ज़िले का सबसे बड़ा राहत शिविर है।
Courtesy: nationalspeak